निर्दोष व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखने पर हुआ मानवाधिकार का उल्लंघन
संवाददाता
आगरा - थाना जगदीशपुरा अपराध संख्या 251/2007 के मामले में , जनपद आगरा की पुलिस ने न्यायालय (माननीय ए0सी0जी0एम0 प्रथम) से जारी एक गैर-जमानती वारंट (NBW) के आधार पर बिजेन्द्र रघुवंशी निवासी 1037, सैक्टर 8, आवास विकास कालोनी, थाना जगदीशपुरा आगरा को दिनांक 24-09-2025 की रात्रि को थाने में लाकर पूरी रात हवालात में बन्द रखा। अगले दिन थाना पुलिस द्वारा जिला अस्पताल में उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया तथा तत्पश्चात बिना किसी जमानत या मुचलके के उसे थाने से भगा दिया गया। बाद में यह तथ्य स्पष्ट हुआ कि उक्त वारंट वास्तव में महेश नाम व्यक्ति के विरूद्ध जारी होना था, किन्तु न्यायालय में हुई लापरवाही के चलते वह वारंट बिजेन्द्र रघुवंशी के नाम से जारी कर दिया गया। इसके बावजूद थाना जगदीशपुरा पुलिस ने बिना उचित सत्यापन किए निर्दोष बिजेन्द्र रघुवंशी को पूरी रात हिरासत में रखा, जिससे उसे मानसिक और सामाजिक अपमान झेलना पडा।
यह पूरा घटनाक्रम थाना परिसर में लगे CCTV कैमरों में दर्ज बताया गया है।
यह घटना न केवल कानून की प्रक्रिया (Due process of low) का खुला उल्लंघन है बल्कि संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) एवं मानवाधिकार के हनन का भी गंभीर मामला है।
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इस मामले को लेकर खण्डेलवाल वैश्य परिषद के संरक्षक, अखिल भारतीय खण्डेलवाल वैश्य महासभा के पूर्व संयुक्त मंत्री एवं अन्य कई सामाजिक संगठनों में सक्रिय भूमिका निभा रहे प्रदीप खण्डेलवाल ने मांग की है कि
1. पूरे मामले की निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच करने की मांग की है।
2. थाना जगदीशपुरा पुलिस के सम्बन्धित अधिकारियों/कर्मचारियों के विरूद्ध विभागीय एवं दण्डात्मक कार्यवाही की जाए।
3 . न्यायालय के कोर्ट स्टाफ द्वारा बरती गई लापरवाही की जांच जिला न्यायाधीश आगरा के निर्देषन में कराई जाए।
4. माननीय उच्च न्यायालय के प्रशासनिक पक्ष से यह देखा जाए कि भविष्य में ऐसी त्रुटियॉं दोबारा न हो।
5 . पीडित व्यक्ति बिजेन्द्र रघुवंशी को हुए अन्याय के लिए शासन से न्यायसंगत मुआवजा और क्षतिपूर्ति दिलाई जाए।
6 . थाना कैमरों की CCTV फुटेज को तत्काल सुरक्षित रखने का आदेश दिया जाए।
7. बिजेन्द्र रघुवंशी की हुई मैडीकल जांच से सम्बन्धित प्रपत्रों को तत्काल सुरक्षित रखने के आदेश दिया जाए। आगे उन्होंने यह भी कहा है कि मैं यह शिकायत एक जागरूक नागरिक के रूप मे कर रहा हूॅ ताकि भविष्य में किसी निर्दोष व्यक्ति के साथ ऐसा अन्याय न हो और न्याय व्यवस्था पर जनता का विशवास बना रहे। शिकायत की प्रतिलिप उन्होंने उच्च अधिकारीयों को भी भेजी है।