अरब देश में आगरा का जूता, मार्बल, हस्तशिल्प सहित तमाम उद्योग को मिलेगा बढ़ाबा
निर्यात के क्षेत्र में अरब देशों में बढ़ेगा आगरा का उद्योग फ्री ट्रैड जोन में आगरा का व्यापार बिना सीमा शुल्क के साथ हो सकेगा आगरा के व्यवसायों के लिए शारजाह एयरपोर्ट इंटरनेशनल फ्री (SAIF) जोन के माध्यम से वैश्विक बाजार से जुड़ने का अवसर केवल 2 लाख रुपये का भुगतान करें और सैफ जोन में अपना कार्यालय खोलें महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन का मिल रहा अवसर
आगरा : एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) की ओर से शीर्ष उद्योग निकाय, शारजाह एयरपोर्ट इंटरनेशनल फ्री (सैफ) जोन और यूएई सरकार के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ वैश्विक रूप से व्यापार का विस्तार विषय पर व्यापार सम्मलेन का आयोजन शुक्रवार को फतेहाबाद रोड स्थित होटल क्लार्क शिराज में आयोजित किया जिसमे शारजाह सरकार(यूएई) ने भारतीय उद्यमों के लिए यूएई में व्यापार के अवसरों और सैफ जोन में व्यवसाय स्थापित करने के लाभों पर चर्चा की । सम्मलेन का शुभारम्भ सैफ ज़ोन शारजाह के सेल्स प्रबंधक अली अल मुतावा, एमएसएमई मंत्रालय के सहायक निदेशक डॉ. मुकेश शर्मा, नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के अध्यक्ष शलभ शर्मा, आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्ट्स चैंबर के अध्यक्ष पूरन डावर, एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल ऑफ़ हेंडीक्राफ्ट समिति के सदस्य रजत अस्थाना, सैफ जोन के अनूप वारियर और लघु उद्योग भर्ती के प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर किया।
सैफ ज़ोन शारजाह के सेल्स प्रबंधक अली अल मुतावा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में शारजाह उभरता हुआ व्यापारिक केंद्र है जो सैफ जोन में एक व्यावसायिक इकाई स्थापित करके भारतीय कंपनियों के लिए बेहद आकर्षक हो सकता है। आगरा के व्यापारियों को भूमि, समुद्र और हवाई लाभ के साथ ही आगरा के उद्योग को अफ्रीका और यूरोप के लिए पुन: निर्यात आधार के रूप में यूएई में शारजाह सैफ जोन का लाभ उठा सकते हैं। व्यापारियों को मुक्त व्यापार के क्षेत्र में बिना किसी सीमा शुल्क के 100% स्वामित्व के साथ फ्री ट्रैड जोन में व्यापार करने का अवसर मिल रहा है।
सैफ जोन से जुड़े अनूप वारियर ने कहा कि हमारे करीब 60 फीसदी निवेशक भारत से हैं। महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज दे रहे है। कोई भी कंपनी सिर्फ 2 लाख रुपये सालाना देकर सैफ जोन में अपना ऑफिस खोल सकती है, जिसमें एक साल का किराया, बिजली, पानी, सभी अनुमतियां और तीन लोगों का वीजा शामिल है।
एमएसएमई मंत्रालय के सहायक निदेशक डॉ. मुकेश शर्मा ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार चालू वित्त वर्ष में $ 60 बिलियन से अधिक होने की उम्मीद है। भारत गैर-तेल निर्यात के लिए संयुक्त अरब अमीरात का नंबर एक व्यापारिक भागीदार है, जो अमीरात के गैर-तेल निर्यात का लगभग 14 प्रतिशत हिस्सा है। उत्तर प्रदेश में 9 मिलियन लघु उद्योग में और कुल एमएसएमई संख्या 63.3 मिलियन में लगभग 14% योगदान देता है। एमएसएमई उद्योग रोजगार सृजन के मामले में और निर्यात के माध्यम से विदेशी मुद्रा आय के स्रोत के रूप में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का एक अनिवार्य खंड है। उत्तर प्रदेश के कुल औद्योगिक उत्पादन में एमएसएमई क्षेत्र की हिस्सेदारी लगभग 60% है।
नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के अध्यक्ष शलभ शर्मा ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के साथ हाल ही में हस्ताक्षरित सीईपीए से देश में अधिकांश भारतीय निर्यात पर आयात शुल्क कम हो जाएगा। समझौता रत्न और आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, जूते, खेल के सामान, इंजीनियरिंग सामान और फार्मास्यूटिकल्स सहित कई क्षेत्रों में देश के निर्यात व्यापार को बढ़ावा देगा। भारत से लगभग 26 बिलियन डॉलर का वार्षिक निर्यात, जो वर्तमान में संयुक्त अरब अमीरात में 5% आयात शुल्क को आकर्षित करता है। यह संगोष्ठी उद्यमियों और व्यापारियों के बीच जागरूकता करते हुए आगरा के उद्योग और व्यापार को बढ़ावा देगी और औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्ट्स चैंबर के अध्यक्ष पूरन डावर ने कहा कि यूएई के बाजार में चमड़े के जूते की अच्छी मांग है। भारत-यूएई सीईपीए के माध्यम से भारतीय चमड़ा उद्योग को लाभ होने जा रहा है क्योंकि अब भारत को चमड़े के उत्पादों पर 5 प्रतिशत शुल्क का सामना नहीं करना पड़ेगा।
एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल ऑफ़ हेंडीक्राफ्ट प्रशानिक समिति के सदस्य रजत अस्थाना ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात सहित मध्य पूर्व के देश 2485.74 करोड़ रुपये से अधिक के निर्यात के साथ भारतीय हस्तशिल्प के लिए महत्वपूर्ण बाजार हैं। हाल ही में हस्ताक्षरित भारत-यूएई एफटीए निर्यात बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करेगा। कार्यकम का संचालन एसोचैम के डिप्टी डाइरेक्टर इरफ़ान आलम ने किया। गौरतलब है कि भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित 'व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते' के तहत, भारत से संयुक्त अरब अमीरात को निर्यात किए जा रहे अधिकांश सामानों पर आयात शुल्क को कम करने या समाप्त करने पर सहमति हुई है। कार्यक्रम में व्यापारिक और औद्योगिक जगत से निर्यात के क्षेत्र में कार्य कर रहे उद्योगपतियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।