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आइये जानते है क्या कृतिम आंख , क्यों बनाई जाती है ?

कृतिम आंख हर उस व्यक्ति के लिए वरदान है जिसकी आंख निकाल दी गयी हो या उस आंख से दिखना बंद हो गया हो और आँख धीरे धीरे छोटी हो गयी हो। सुंदरता को वापस लाने के लिए आर्टिफिशियल आई या कृतिम आंख बनाई जाती है।

आर्टिफिशियल आई से कभी दिखाई नहीं देगा, यह सिर्फ कॉस्मेटिक पर्पस  अर्थात सुंदरता के लिए बनाई जाती है। दोनों आँखे समान रूप से घूमती हैं, कोई ये नहीं पकड़ पाता है कि आंख नकली है, दोनों आँखों की पलक भी बराबर रूप से झपकती हैं ,समान रूप से दोनों आँखों से आंसू भी आते है। चाहे फोटो देखकर या पास खड़े होकर बात करने वाले व्यक्ति को ये नहीं पता चल सकता कि आंख नकली है।

कृतिम आंख भी तीन प्रकार की होती है -

  • 1. रेडी मेड स्टोक ऑय 
  • 2.सेमि कस्टमाइज़ड ऑय
  • 3. कस्टमाइज़ड ऑय। 

रेडी मेड ऑय बिलकुल अलग सी दिखती है, ये ठीक से फिट भी नहीं होती और देख कर नकली है ये समझ में भी आ जाता है। सेमि कस्टमाइज़ड ऑय की फिटिंग अच्छी नहीं होती है पर दोनों आँखों को एक जैसे रंग का बनाया जाता है। कस्टमाइज़ड ऑय या कृतिम आंख ये पाउडर को जमा जमा के बनाया जाता है।  ये ख़राब हुई आंख के अंदर की जगह के अनुरूप बनाई जाती है और एक शशक्त कृतिम आंख विशेसग्य ही इसे बना सकते है , ये हर आँखों के हस्पताल में उपलभ्ध सेवा नहीं है।

सही तरह से कृतिम आंख बनाने से मरीज इसे लम्बे समय तक पहने रह सकते है बिना कोई समस्या के।  इस प्रकार से बानी हुई आंख पहनने में  आराम दायक होती है, अच्छी आंख से मैच भी होती है, घूमती भी है, ३ डी भी होती है।  सबसे खास बात इस आंख की होती है की  अगर बताया न जाये की आंख नकली है तो सामने से देखने वाला नहीं समझ पता है। 
कृतिम आंख उन सभी लोगो के लिए वरदान है जिनके चेहरे की खूबसूरती आंख ख़राब होने से चली गयी है।

डॉ सुमित्रा अग्रवाल 
यूट्यूब आर्टिफीसियल ऑय को 

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