गांधीजी का सत्याग्रह, स्वतंत्रता आंदोलन का सबसे बड़ा शस्त्र बना-डॉ अनुराग शुक्ला
आगरा कॉलेज में विचार गोष्ठी में गांधीजी व् शास्त्रीजी को श्रद्धांजलि दी । फुपुक्टा के जोनल सचिव डा शिवकुमार सिंह ने बोलते हुए कहां कि गांधीजी के संघर्ष युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन करते हैं। गांधीजी और शास्त्री जी त्याग की साक्षात मूर्ति हैं।
महात्मा गांधी ने भारत की आजादी के लिए अहिंसा व् सत्याग्रह का अस्त्र अपनाकर पूरे विश्व को लड़ाई लड़ने का एक अनूठा तरीका दिया। विश्व में किसी भी प्रकार के आंदोलनों में इस प्रकार का अभिनव प्रयोग केवल भारत में महात्मा गांधी द्वारा किया गया। आज भी यदि किसी अहिंसक आंदोलन की बात पूरे विश्व में की जाती है तो महात्मा गांधी के विचार और उनके शांतिप्रिय सत्याग्रह को याद किया जाता है।
उक्त विचार आगरा कॉलेज के प्राचार्य डॉ अनुराग शुक्ला के हैं। वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर एनसीसी आर्मी विंग, आगरा कॉलेज द्वारा आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रुप में बोल रहे थे।
उन्होंने आगे बोलते हुए कहां कि गांधीजी ने देश की जनता की भुखमरी और अभावों को नजदीकी से समझा और देखा, अंग्रेजो द्वारा भारतीयों पर किया जा रहे अत्याचारों को प्रखरता के साथ बेनकाब करने वाले प्रथम व्यक्ति गांधीजी ही थे। उन्होंने पहली बार पूर्ण स्वराज की घोषणा कर अंग्रेजों की नींद उड़ा दी। उन्होंने पूरे स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान अपनी लड़ाई को अहिंसक रखा। वह जानते थे कि यदि आंदोलन हिंसक हुआ तो से कुचल दिया जाएगा और सफलता प्राप्त नहीं होगी। इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
कंपनी कमांडर लेफ्टिनेंट अमित अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने महात्मा गांधी के जीवन की घटनाओं व संस्मरणों को याद करते हुए कहा कि महात्मा गांधी व्यक्ति नहीं वरन एक विचार थे। उन्होंने आजादी की लड़ाई के साथ-साथ देश को एक सूत्र में बांधने के लिए स्वदेशी आंदोलन की शुरुआत की।
फुपुक्टा के जोनल सचिव डा शिवकुमार सिंह ने बोलते हुए कहां कि गांधीजी के संघर्ष युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन करते हैं। गांधीजी और शास्त्री जी त्याग की साक्षात मूर्ति हैं। इस अवसर पर डॉ केपी तिवारी, डॉ बीके शर्मा, डॉ आनंद पांडे आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
संचालन कैडेट उजाला राजपूत ने तथा ने धन्यवाद आराध्या भट्ट ने किया। गोष्ठी के दौरान एनसीसी आर्मी विंग के कैडेट्स आशी, मोहित, हैप्पी, आरुष, प्राची आदि ने अपने विचार रखते हुए महात्मा गांधी के जीवन से प्रेरणा लेने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम में वर्णिका पांडे, अनिल यादव, रामू यादव, कुञ्ज बिहारी, अमृत कौर, प्रिंस, ओम प्रकाश, कैडेट लष्मी, दीपक बघेल, कैडेट प्राची, कैडेट देवेश, कैडेट आशीष, आँचल, सिमरन आदि कैडेट्स उपस्थित रहे।