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श्रीलंका में VAT आठ से बढ़कर 12 प्रतिशत हुआ, इससे सरकार की राजस्व आय में होगी 65 प्रतिशत की वृद्धि

1948 में स्वतंत्र होने के बाद से इस समय श्रीलंका गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहा है। इसका अहम कारण कोरोना महामारी के चलते पर्यटन पर रोक लग जाने से श्रीलंका में विदेशी मुद्रा के संकट को माना जा रहा है।

कोलंबो, रायटर। आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका ने राजस्व जुटाने के मंगलवार को करों में बढ़ोतरी का एलान किया है। श्रीलंका सरकार ने वैट की दरों को बढ़ाकर आठ से 12 प्रतिशत कर दिया है, जिसे तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया। इससे सरकार के राजस्व में 65 प्रतिशत की वृद्धि होगी। वहीं, कारपोरेट इनकम टैक्स समेत अन्य करों की दर 24 से बढ़कर 30 प्रतिशत हो गई है, जो अक्टूबर से लागू होगी।

इससे पहले मंगलवार को ही श्रीलंका कैबिनेट ने देश के राजस्व को बढ़ाने के लिए अंतर्देशीय राजस्व, वैट, दूरसंचार शुल्क, सट्टेबाजी और गेमिंग सहित कई कानूनों में संशोधन को लेकर प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।'

भारत से 50 करोड़ डालर का कर्ज और चाहता है श्रीलंका

समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक तेल आयात के लिए श्रीलंका भारत से 50 करोड़ डालर का कर्ज और चाहता है। डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक इस मुद्दे पर पिछले सप्ताह भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त मिलिंडा मोरोगोडा ने भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर चर्चा की थी। वहीं, विश्व बैंक भी अगले कुछ महीनों में 70 करोड़ डालर देने को तैयार है।

 

1948 में स्वतंत्र होने के बाद से इस समय श्रीलंका गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना कर रहा है। इसका अहम कारण कोरोना महामारी के चलते पर्यटन पर रोक लग जाने से श्रीलंका में विदेशी मुद्रा के संकट को माना जा रहा है।

 

ईधन के लिए 12 घंटे कतार में लगती है महिला आटोरिक्शा चालक

समाचार एजेंसी रायटर के मुताबिक, श्रीलंका की 43 वर्षीय महिला आटोचालक लसांदा दीप्ति को कोलंबो में पेट्रोल के लिए 12 घंटे या कभी-कभी इससे अधिक समय तक कतार में लगना पड़ता है। कभी-कभी उसे रात भर दौड़भाग करने के बाद बीते आठ महीने के मुकाबले ढाई गुना तक कीमत चुकानी पड़ती है।

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