संघ के स्वयंसेवकों ने मनाया वर्ष प्रतिपदा का उत्सव, निकाला गणवेश में पथ संचलन
संवाद
आगरा। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के शुभ अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने वर्ष प्रतिपदा का उत्सव मनाया। रविवार को आगरा विभाग की प्रत्येक शाखा पर गणवेश में उपस्थित हुए स्वयंसेवकों ने आद्य सरसंघचालक डॉक्टर हेडगेवार जी को प्रणाम किया। इसके बाद ध्वजारोहण सुभाषित और गीत के बाद बौद्धिक कार्यक्रम भी सम्पन्न हुआ। पृश्वीनाथ भाग के गोकुल नगर में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए प्रांत व्यवस्था प्रमुख दिलीप कुमार ने कहा कि आज भारत के कई लोग इस तथ्य से अवगत नहीं हैं कि भारतीय संस्कृति क्या है, हमारे संस्कार क्या है? लेकिन अच्छी बात यह है कि कोई भी शुभ कार्य करने के लिए आज भी समाज का हर वर्ग भारतीय कालगणना का ही सहारा लेता है। चाहे वह गृह प्रवेश का कार्यक्रम हो या फिर वैवाहिक कार्यक्रम हम भारतीय पंचांग का सहयोग ही लेते हैं। इसी प्रकार हमारे त्यौहार भी प्राकृतिक और गृह नक्षत्रों पर ही आधारित होते हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि वर्ष प्रतिपदा पूर्णतः वैज्ञानिक और प्राकृतिक नव वर्ष है।
उन्होंने कहा कि संघ के छह उत्सवों में पहला उत्सव वर्ष प्रतिपदा है, इस दिन संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी का जन्मदिन भी है। डॉ. हेडगेवार जी ने संघ रूपी जिस पौधे का रोपण वर्ष 1925 में किया, आज वह अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। इस वर्ष विजयादशमी पर संघ को 100 वर्ष पूर्ण हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस शताब्दी वर्ष में संघ ने समाज परिवर्तन के लिए पंच परिवर्तन का आव्हान किया है, जिसमें कुटुम्ब प्रबोधन, स्व, समरसता, नागरिक कर्तव्य और पर्यावरण के विषय को लेकर स्वयंसेवक घर—घर जाएंगे उन्होंने कहा कि आज चमक दमक के प्रति बढ़ता आकर्षण हमें भारतीयता से दूर कर रहा है, लेकिन यह भी एक बड़ा सच है कि दुनिया के तमाम देशों के नागरिकों को भारतीयता रास आने लगी है। वृंदावन की कुंज गलियों में, प्रयागराज के कुंभ में कई विदेशी भारतीय संस्कृति में गोता लगाते हुए मिल जाएंगे। जब यह ऐसा कर सकते हैं तो भारतीय समाज के लिए यह बहुत ही सीधा मार्ग है।
वहीं विभाग प्रचार प्रमुख मनमोहन निरंकारी ने बताया कि आगरा विभाग के तीन महानगर पूर्वी, पश्चिम, छावनी और तीन जिलों सीकरी, फतेहाबाद और रागबाग में 132 स्थानों पर आद्य सरसंघचालक प्रणाम, ध्वजारोहण और बौद्धिक हुए। कुछ स्थानों पर पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों ने पथ संचलन भी निकाला। स्वयंसेवकों के पथ संचलन पर स्थानीय नागरिकों ने पुष्प वर्षा भी की।