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इस बार आगरा की मेयर महिला नेता नहीं,बहु बेटियां होंगी, किसकी होगी मजबूत दावेदारी

आगरा की मेयर सीट अनुसूचित महिला के लिए आरक्षित घोषित होने से सभी पार्टियों में हलचल तेज हो गई है

सभी दलों ने चुनाव को लेकर तैयारी तेज कर दी है। जल्द ही सभी राजनीतिक दल अपने पत्ते खोलेंगे। फिलहाल पार्टियों में बैठकों के जरिए आवेदन लेने की प्रक्रिया शुरू होगी । सीट आरक्षित होने के चलते बाकी जातियों के लिए इस बार खेल यही खत्म हो गया है। 

सीट आरक्षित होने के बाद नए सिरे से  पैरोकार पैरवी में जुट गए हैं। कई दावेदार दिल्ली रवाना हो चुके हैं।
यूं तो भाजपा में नेताओं की कमी नही है लेकिन अनुसूचित जाति की महिला नेतृत्व की कमी साफ- साफ देखी जा सकती है। मेयर सीट को लेकर लगता है कि किसी राजनीतिक परिवार की ही बहु ,बेटी या पत्नी ही दावेदारी करेगी।

सीट की प्रमुख दावेदारी की बात करे तो पूर्व विधायक हेमलता दिवाकर का पलड़ा भारी है। हेमलता दिवाकर कुशवाहा पिछले विधानसभा सत्र में आगरा ग्रामीण विधानसभा से भाजपा की विधायक रही हैं। लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिली मिला था इसलिए उनकी प्रमुख दावेदारी हो सकती है।

दूसरा नाम बसपा सरकार में पूर्व कैबिनेट मंत्री के पुत्र अवधेश सुमन की पत्नी इति सुमन का नाम भी जोरों से चर्चा में है ईति सुमन वर्तमान में एत्मादपुर से ब्लॉक प्रमुख भी हैं । इति सुमन ने भी भाजपा की टिकट के लिए दावेदारी की है , सुमन परिवार का जाटव समाज में अच्छा दखल है इसलिए इति सुमन भी मजबूत प्रत्याशी के रूप में मैदान में नजर आ सकती हैं।

वही दो बार के पूर्व विधायक गुटियारी लाल दुबेश की पुत्रवधू डॉक्टर हिमांशी सिंह ने भी भाजपा की टिकट के लिए दावेदारी पेश कर सकती हैं। गुटियारी लाल की पुत्रवधू को भी मजबूत प्रत्याशी के रूप में देखा जा रहा है।

भाजपा ब्रज क्षेत्र के क्षेत्रीय मंत्री एवं व्यवसायी अशोक पिप्पल की पुत्रवधू कल्पना पिप्पल भी टिकट की लाइन में हो सकती हैं। अशोक पिप्पल की संगठन और संघ में मजबूत पकड़ है इस लिहाज से कल्पना पिप्पल की दावेदारी को नकारा नहीं जा सकता है।

मेयर पद की टिकट के लिए भाजपा में दावेदारों की लंबी सूची के अलावा दो क्षत्रपों केंद्रीय राज्यमंत्री डॉक्टर एसपी सिंह बघेल की पुत्री एवम पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डॉक्टर रामशंकर कठेरिया की पत्नी का नाम भी चर्चाओं में है लेकिन दो बड़े नाम ऐसे हैं जिन्होंने टिकट के लिए अभी तक दावेदारी तो पेश नहीं की है लेकिन चर्चाओं के बाजार में दोनों का नाम सबसे ऊपर चल रहा है। 

प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा, सपा, बसपा और रालोद के साथ निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में होंगे । चुनाव में विभिन्न राजनीतिक दलों से टिकट पाने के लिए प्रत्याशियों की लंबी लाइन है कई दावेदारों ने तो अपने आप को प्रत्याशी मानकर प्रचार व जनसंपर्क भी शुरू कर दिया है । अब आगे देखना यह कि भाजपा में किसके नाम पर मोहर लगती है। लेकिन ये सच है कि आगरा की मेयर इस बार महिला नेता नहीं होंगी, होगी तो बहु , बेटी या पत्नी 

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