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मंच पर उपस्थिति पदाधिकारी एवं भिक्खुगण

वी. एस. विशोरिया बौद्ध होंगे राष्ट्रीय बौद्ध महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, धम्म संसद में हुई घोषणा 

वीरेंद्र चौधरी

  • राष्ट्रीय धम्म संसद में राष्ट्रीय बौद्ध महासभा का संविधान किया प्रस्तुत 

  • भदंत ज्ञानेश्वर महास्थिवर को भारत धम्म रत्न उपाधि से किया सम्मानित 

  • राष्ट्रीय धम्म संसद में 28 से 30 प्रदेशों के उपासक / उपासिकाओं ने लिया भाग

 बाबा साहेब डॉक्टर अंबेडकर के 69वें आगरा आगमन एवं मान्यवर कांशीराम की 91 वीं जयंती के उपलक्ष में

राष्ट्रीय बौद्ध महासभा द्वारा एक दिवसीय राष्ट्रीय धम्म संसद का आयोजन सूरसदन प्रेक्षाग्रह , संजय प्लेस आगरा में किया गया। धम्म संसद की अध्यक्षता धर्म प्रकाश भारतीय बौद्ध (संस्थापक एवं पूर्व विधायक) ने की तथा शुभारंभ पूज्य भिक्खु  संघ द्वारा बुद्ध वंदना और मुख्य अतिथि इंजीनियर किशोर बौद्ध रहे। 
धम्म संसद में वर्मा देश से पधार कर भारत में लंबे समय तक बौद्ध धम्म के प्रचार व् प्रसार में निरंतर कार्य कर रहे  मुख्य धम्म देशना एवं सम्मान पूज्य भदंत  ए.ए.ए. बी ज्ञानेश्वर महास्थिवर को भारत धम्म रत्न की उपाधि से सम्मानित किया गया। एक दिवसीय राष्ट्रीय धम्म संसद में 28 से 30 प्रदेशों के उपासक और उपासिकाओं ने भाग लिया। 

राष्ट्रीय धम्म संसद में राष्ट्रीय बौद्ध महासभा का संविधान प्रस्तुत किया गया
धम्म संसद में राष्ट्रीय बौद्ध महासभा का संविधान प्रस्तुत किया। संविधान प्रस्तुतीकरण के समय सर्वसम्मति से अनुरोध किया गया राष्ट्रीय धर्म संसद में सभी प्रश्न उत्तरों के माध्यम से महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार किया गया किया।  संविधान में कई धाराएं और उप धाराएं है जिसमें कि निम्न बिंदु शामिल हैं 

  • राष्ट्रीय बौद्ध महासभा का कार्य क्षेत्र संपूर्ण विश्व होगा। 
  • शोषण पीड़ित एवं कमजोर वर्ग के लोगों पर हो रहे जुल्म अत्याचार से पीड़ित वर्गों की हर संभव मदद करना। 
  • महिलाओं को उनके सांवैधानिक अधिकारों से अवगत कराना एवं उनके उत्थान हेतु संघर्ष करना। 
  • ऊंच नीच, तानाशाही एवं पूंजीवाद को समाप्त कर लोकतंत्र को मजबूत करना।  
  • धम्म विहार, व्यायाम शाला, पुस्तकालय, प्रशिक्षण केंद्र ,सामुदायिक भवन, विद्यालय इत्यादि समाज के हित में निर्माण करना। 
  • एक आदर्श समाज की स्थापना हेतु बाल विवाह, दहेज प्रथा, पाखंड के विरुद्ध समाज को जागरूक करना। 
  • मानवता एवं महापुरुषों के संघर्ष एवं कार्यों को जन-जन तक पहुंचाना तथा विभिन्न माध्यमों से प्रचार प्रसार करना। 
  • महासभा का प्रतीक चिन्ह धर्म चक्र, पंचशील ध्वज, अशोक स्तंभ होगा 
  • वेशभूषा सफेद वस्त्र होंगे। 

18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले को ही संस्था  सदस्य बनाएगी ।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी में निम्न पद 
कार्यकारिणी के विषय पर भी प्रकाश डाला गया जिसमें 
अध्यक्ष-1,उपाध्यक्ष-1,मुख्य महासचिव-1,राष्ट्रीय महासचिव-10, राष्ट्रीय सचिव-10, राष्ट्रीय संगठन मंत्री -1, कोषाध्यक्ष -1और 25 राष्ट्रीय सदस्य होंगे। 
धारा 21 के अंतर्गत -बहुजन समाज को तैयार करने के लिए  25 संगठनों का निर्माण किया गया 
धम्म संसद में आये प्रांतों के पदाधकारियों ने अपने विचार व्यक्त किए। 

वी .एस विशारिया बौद्ध बने राष्ट्रीय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष 
मध्य प्रदेश निवासी एवं शिक्षा विभाग से सेवानिवृत विशारिया पिछले तीन-चार वर्षो से राष्ट्रीय बौद्ध महासभा की सक्रिय कार्यकारिणी के रूप में कार्य कर रहे थे उनकी योग्यता एवं लगन को देखते हुए संस्थापक धर्म प्रकाश भारतीय पूर्व विधायक ने आज धम्म संसद में उनके नाम की घोषणा की और कहा कि वी .एस विशारिया बौद्ध को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद पर मनोनीत किया जाता है हम सभी आशा करते है कि ये महासभा को जन जन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। धम्म संसद इनके उज्जवल भविष्य कि कामना करती है। इनके सहयोग के लिए एक मुख्य महासचिव और चार राष्ट्रीय महासचिव भी मनोनीत किये जाते हैं।  
  

 

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