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'हौंसलों के साथ आगे बढऩे वालों की कभी हार नहीं होतीÓ......गजेंद्र पिप्पल

बिंदु विस्तार की खास पेशकश *बुनियाद से बुलंदी तक* में प्रकाशित कर रहें है आगरा के समाजसेवी, व्यापारी एवं भारतीय जनता पार्टी अनुसूचित मोर्चा के शहर उपाध्यक्ष गजेंद्र पिप्पल का साक्षात्कार । आइए जानते हैं उन्होंने कैसे और किन हालातों में संघर्ष कर यह मुकाम हासिल किया है। सुनील साकेत

आगरा-। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले की सियासत बेहद खास रही है। नेताओं के अपने इतिहास हैं, लेकिन आगरा में कुछ ऐसी शख्सियतें भी मौजूद हैं जिन्होंने अपने जीवनकाल में बेहद संघर्ष किया है। हम बात करते हैं बीजेपी के अनुसूचित मोर्चा के महानगर उपाध्यक्ष  गजेंद्र  पिप्पल की। जो कि कभी कांशीराम जी की विचारधारा से प्रेरित थे, लेकिन अब वह बीजेपी में एक सक्रिय कार्यकर्ता की भूमिका निभा रहे हैं। जानिए इनसे इनके बारे में ----

सवाल--
एक राजनेता के तौर पर आप अपने आप को कितना सफल मानते हैं।

जवाब- मैं एक ऐसे समाज से बीजेपी में राजनीति कर रहा हंू जहां बेरोजगार और अशिक्षितों की बड़ी लंबी फौज है। अपने समाज को बेहतर मुकाम पर लाना ही मेरा मुख्य उद्देश्य है। भारतीय जनता पार्टी में आने से पहले मैं कांशीराम जी की विचारधारा से प्रेरित रहा हंू, लेकिन वर्तमान में बहुजन समाज पार्टी की कार्यशैली बेहद खराब है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ समाज के हर वर्ग की चिंता करते हैं और तमाम कल्याणकारी योजनाओं से उन्हें लाभांवित भी कर रहे हैं। अभी राजनीति के डगर पर मैं चल रहा हंू। सफलता का मुकाम अभी दूर है। 

सवाल
आपके जीवन में ऐसा कोई मोड़ जिसे आप अक्सर याद करते हो। 

जवाब
मैं जब मुश्किलों के दौर से जूझ रहा था। व्यापार में नुकसान हो रहा था। मैंने कई लोगों से सहायता मांगी, लेकिन तमाम लोग मेरा साथ छोड़ गए थे। उस दौरान बीजेपी के महानगर अध्यक्ष रहे विजय शिवहरे जी जो कि वर्तमान में विधान परिषद के सदस्य हैं। मेरी पूरी मदद की इसके अलावा व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कृष्ण मुरारी अग्रवाल और अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी साहब ने मुश्किलों के दौर से मुझे आसानी से निकाला। 

सवाल
बीजेपी में दलित नेताओं की क्या स्थिति है। 

जवाब-
भारतीय जनता पार्टी में दलितों को पूरा सम्मान मिलता है। संगठनात्मक दृष्टिकोण से भी कई ऐसे नेता हैं जोकि महत्वपूर्ण पद पर आसीन हैं। मुझे पार्टी में लाने वाले ब्रजक्षेत्र के मंत्री अशोक पिप्पल साहब का बड़ा योगदान रहा है। उत्तर प्रदेश में करीब 14 प्रतिशत दलित हैं। जिनमें जाटव जाति की अच्छी खासी संख्या है।  इसके अलावा आगरा की नौ विधानसभा सीटों में से दो सीटें सुरक्षित कोटे से हैं। इन दोनों सीटों पर आगरा के दलित यानि जाटव जाति के नेताओं को टिकट दिया गया और उन्हेें प्रचंड जीत भी मिली है। 

सवाल
व्यापार में आप कितने सफल हैं। 

जवाब
मैं एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखता हूं। मेरे पिता जी का जूते का कारोबार था, लेकिन समय ऐसा आया कि हमारा कारोबार बंदी की कगार पर आ गया था और मैं जब आठवीं कक्षा में पढ़ता है। हालात बेहद दयनीय हो गए और फिर मुझे भी काम की तलाश में फैक्ट्री में जाना पड़ गया। मैंने करीब सात साल जूते की फैक्ट्री में काम किया। आज में आगरा जूता व्यापार मंडल संयोजक हूं। 


सवाल
सामाजिक संगठनों में कितनी भूमिका रहती है। 

जवाब
आगरा में भीम नगरी का बड़ा आयोजन होता है। परमपूज्य बाबा साहब की जयंती धूमधाम से मनाई जाती है। भीमनगरी के आयोजन में बराबर सक्रिय रहता हंू। समाजसेवी मुन्ना लाल भारतीय ने मेरे जीवन में बड़ा किया। उनसे प्रेरित होकर में सामाजिक संगठनों की ओर अग्रसर हो गया और वर्तमान में समाज के अन्य जैसे बेसहाराओं और गरीब मजदूर परिवार की लड़कियों की शादियों में आर्थिक सहयोग भी करता रहता हूँ।

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