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शिव नगरी में एक अनूठा प्रयास ,भोले बाबा के नंदी का एक मात्र मंदिर, जहां होती है नियमित आराधना

आगरा। शिवालयों में भगवान शंकर के शिवलिंग के नंदी की प्रतिमाएं तो अक्सर देखी होंगी, लेकिन नंदी बाबा का मंदिर बना कर उनकी नियमित उपासना की जाती है, एसा एकमात्र ही मंदिर है। 

शीतला गली क्षेत्र में वैसे तो सांड़ों की काफी संख्या अभी भी रहती है। लेकिन यह घटना सन् 2001 की है। सभी सांड़ों में एक सांड़ बहुत सीधा था। जो किसी का नुकसान नहीं करता था। सभी उसे बहुत स्नेह करते थे। क्षेत्रीय नागरिक उसके चारे आदि की  व्यवस्था भी करते थे। अचानक वर्ष 2001 में यह सांड़ पेठे की जलती भट्ठी में गिर गया और 60 फीसदी जल गया था। 
क्षेत्रीय नागरिक उसकी प्राण रक्षा में जुट गये। उसकी चिकित्सा कराई और सेवा भी की। 14 दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई। उसका विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया गया था। उसका त्रयोदशी संस्कार भी किया गया, जिसमें विशाल भंडारा किया गया। क्षेत्रीय नागरिकों ने उसकी स्मृति को अक्षुण्ण बनाने और उसके प्रति विशेष श्रद्धा रखना शुरू कर दिया। हर साल उसकी स्मृति में भंडारा कराया जाता था। 
बबलू यादव नेताजी ने सभी नागरिकों के समक्ष इच्छा व्यक्त की कि नंदी बाबा एक मंदिर बनाया जाना चाहिए। उसके बाद गली के बाहर मंदिर बनाया गया। उसमें नंदी की एक प्रतिमा स्थापित की। प्राण प्रतिष्ठा से पहले एक शोभायात्रा पूरे शहर में निकाली गई। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से मंदिर में नंदी बाबा की नियमित पूजा अर्चना की जाती है। हर त्योहार और पर्वों पर यहां भंडारे किए जाते हैं। इस गली का नाम भी नंदी बाबा के नाम पर ही रख दिया गया है।
साहित्यसेवी आदर्श नंदन गुप्ता ने बताया कि नंदी बाबा का यह एकमात्र मंदिर है, जहां श्रद्धालु नियमित पूजा अर्चना करते हैं। एक विशेष श्रद्धा नंदी बाबा के प्रति है। 

23 वां विशाल भंडारा 22 को
बबलू यादव नेताजी के अनुसार 22 जनवरी को नंदी बाबा की स्मृति में 23 वां भंडारा है। मंदिर पर आकर्षक फूलबंगला भी सजाया जाएगा। 

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