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भरतपुर के सिकरौली गाँव में दो पक्षों में हुई हाथपाई में गई सिपाही सहित तीन लोगों की जान  

भरतपुर के कुम्हेर थाने के सिकरौरा गांव  के निवासी लाखन और टेनपाल दोनों गहरे साथी थे। 24 नवंबर को किसी बात पर दोनों में हाथापाई हो गई थी। गांव के जिम्मेदार लोगों ने दोनों के बीच सुलह करवा दी थी।

पुलिस के अनुसार, इसी नाराजगी में शनिवार रात एक बजे लाखन ने अपने साथियों और परिजन के साथ मिलकर टेनपाल के घर पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी। फायरिंग में टेनपाल के पिता गजेंद्र सिंह की मौत हो गई। गजेंद्र के बड़े भाई समंदर और ईश्वर आए तो बदमाशों ने उन्हें भी नहीं छोड़ा। गजेंद्र राजस्थान आर्म्ड कांस्टेबुलरी (आरएसी) में कांस्टेबल थे। उनकी तैनाती अलवर जिले में तैनात थी। तीनों सगे भाइयों के शव पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने परिजन को सौंप दिए है। सभी का गमगीन माहौल में अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। वहीं माया पत्नी गजेंद्र,  रविता पत्नी टेनपाल, टेनपाल पुत्र गजेंद्र गंभीर रूप से घायल हो गए है। इन सभी का उपचार जयपुर के अस्पताल में चल रहा है। घटना के बाद पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह ने घटना स्थल का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। 

इस खूनी खेल की वजह 24 नवंबर को दो दोस्तों में हुआ विवाद बताया जा रहा है। इसमें दो महिलाओं समेत तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना से गुस्साए लोगों ने रविवार सुबह सात बजे कुम्हेर के सरकारी अस्पताल के सामने अवरोध लगाकर भरतपुर-अलवर मार्ग जाम कर दिया। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह व क्षेत्रीय विधायक ने लोगों को आश्वासन देकर जाम खुलवाया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस मामले में 3 संदिग्धों को हिरासत में भी लिया है।
कुम्हेर थाने के सिकरौरा गांव में अंधाधुंध फायरिंग में तीन लोगों की मौत और तीन लोगों घायल होने से गांव में तनाव व्याप्त है। इसे देखते हुए आरपीएस सतीश वर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार मीणा के अलावा छह थानों के थाना अधिकारी एवं भारी संख्या में पुलिस गांव में तैनात की गई है। उधर, पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह के निर्देश पर नगरपालिका कुम्हेर और पंचायत समिति कुम्हेर द्वारा मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की गई है। 
 

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