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धनतेरस और कुबेर - जानते हैं वास्तु शास्त्री डॉ सुमित्रा अग्रवाल से

दिवाली पांच दिनों का पर्व है | पहला दिन धनतेरस मनाया जाता है।पंचांग के अनुसार धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है|

इस दिन भगवान धनवंतरि, मां लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा होती है। इस दिन नए बर्तन क्यो खरीदने चाहिए
इस के पीछे की कथा ये है कि इस दिन धनवंतरि समुद्र से कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन बर्तन की खरीदारी भी करने की परंपरा है।

धनतेरस को सोना चांदी क्यो खरीदे?
 मान्यता है कि धनतेरस पर खरीदी गई चीजों में तेरह गुणा वृद्धि होती है इसलिए लोग इस दिन सोने-चांदी की बनी चीजों को भी खरीदते हैं।

कुबेर ने कई वर्षों तक भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया। जब शिव और पार्वती प्रकट हुए तो कुबेर पार्वती के सौंदर्य और मातृभाव को देखकर सम्मोहित हो गए । कुबेर के इस बर्ताव को देख कर पार्वतीजी  को क्रोधित हो उठी और उन्होंने फलस्वरूप कुबेर की एक आंख की ज्योति समाप्त हो गई। कुबेर ने जब अपने भावों की सत्यता बताई तो भगवान शिव ने उसे समस्त निधियों का स्वामी तथा गुह्यकों का स्वामी होने का वर दिया। 
पार्वतीजी  ने भी कुबेर को पुत्ररूप में स्वीकार करते हुए कहा कि एकाक्षी को देखने से होने वाला अप शकुन उनके एक-पिंगलाक्ष रूप को देखने से नष्ट हो जाएगा।
कुबेर को कुबेर  नाम किसने दिया 
माता पारवती ने कुबेर को उनकी सौंदर्य से ईर्ष्या करने के कारण  'कुबेर' नाम दिया।

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