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विचित्रवीर हनुमान मन्दिर, रुनकता पर कवि सम्मेलन एवं भजन संध्या का हुआ आयोजन

आगरा ब्राह्मण प्रोफेशनल एसोसिएशन एवं अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा (महिला प्रकोष्ठ) के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को विचित्रवीर हनुमान मन्दिर, रुनकता पर कवि सम्मेलन एवं भजन संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ0 शशि गोयल ने की। 

सर्वप्रथम मंदिर के पुजारियों द्वारा अनुष्ठान एवं भगवान परशुराम का पूजन-अर्जन कराया गया।माँ सरस्वती का भजन शैलजा अग्रवाल ने गाया। रमेश पंडित ने गाया- ‘जो देखा सो लिक्खा हमने अपने भीतर। डाॅ0 शशि गोयल की पंक्तियों - ’सप्तपदी के हर फेरे में हवन हुआ तेरा बचपन’ ने खूब वाहवाही लूटी। कवि/गीतकार डाॅ0 अंगद सिंह धारिया ने गाया-‘सब भाषाओं में मधु भाषा, सच में अपनी हिन्दी। पदम गौतम ने गाया- ‘प्रकृति का अनुराग कलम में भरते हैं, जीवन का हर राग कलम में भरते हैं।’ राकेश निर्मल ने गाया- ‘मत बनाओ खुद को महंगा, सस्ता रहने दो।
 लोगों से मिलने का कोई रस्ता रहने दो।’

शैलजा अग्रवाल ने गाया- ‘अपना दीपक आप बनूँ मैं, सृष्टि की पदचाप सुनूँ मैं।’ 
अनिल शर्मा ने गाया- ‘बसी हो तुम मेरे दिल में ऐसे, कि जैसे रहता लहू जिगर में।’ 
अंशू छौंकर ‘अवनि’ ने गाया-‘दुश्मन का मुण्ड उतारन को, खुद दुर्गा बन सकती हूँ।’
महेश शर्मा ने कहा- ”विचित्रवीर हनुमान मन्दिर में काव्य-गोष्ठी करना अद्भुत है। साहित्य सृजन सदा से होता रहा है, भविष्य में भी होता रहेगा।“  प्रदेश अध्यक्ष (महिला प्रकोष्ठ) डाॅ0 मधु भारद्वाज ने कहा- ”आज हिन्दी कविताओं और हिन्दी गीतों का जोर है। हिन्दी को जनता का बहुत प्यार मिल रहा है।“
भजन संध्या में एक से बढ़कर एक भजन गाए गए। 
कार्यक्रम में नीलम शर्मा, दिव्या शर्मा, वंदना तिवारी, सुनीता झा, अंजू शर्मा, अनुपम चतुर्वेदी, प्रभा शर्मा, पूजा मिश्रा, अनीता गौतम, ऋचा तिवारी, अंजना, सुमन बेबी, प्रेम चंद्र शास्त्री, अंशु शर्मा आदि की उपस्थिति रही। 
अनिल शर्मा एवं राजेश शुक्ला द्वारा कवियों का सम्मान किया गया एवं उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।  
मंदिर के पुजारी द्वारा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 मधु भारद्वाज का सम्मान किया गया। 
अनिल शर्मा का सम्मान पुजारी राजेश शुक्ला द्वारा किया गया। 
कार्यक्रम के आयोजन में अनिल शर्मा एवं कांति शर्मा का विशेष सहयोग रहा।
कार्यक्रम का संचालन पदम गौतम ने किया।  
धन्यवाद ज्ञापन डाॅ0 मधु भारद्वाज ने किया।कार्यक्रम की अध्यक्षता डाॅ0 शशि गोयल ने की। 
सर्वप्रथम मंदिर के पुजारियों द्वारा अनुष्ठान एवं भगवान परशुराम का पूजन-अर्जन कराया गया।
माँ सरस्वती का भजन शैलजा अग्रवाल ने गाया। 
रमेश पंडित ने गाया- ‘जो देखा सो लिक्खा हमने अपने भीतर।’ 
डाॅ0 शशि गोयल की पंक्तियों - ’सप्तपदी के हर फेरे में हवन हुआ तेरा बचपन’ ने खूब वाहवाही लूटी। 
कवि/गीतकार डाॅ0 अंगद सिंह धारिया ने गाया-‘सब भाषाओं में मधु भाषा, सच में अपनी हिन्दी।’
पदम गौतम ने गाया- ‘प्रकृति का अनुराग कलम में भरते हैं,
    जीवन का हर राग कलम में भरते हैं।’
राकेश निर्मल ने गाया- ‘मत बनाओ खुद को महंगा, सस्ता रहने दो।
 लोगों से मिलने का कोई रस्ता रहने दो।’
शैलजा अग्रवाल ने गाया- ‘अपना दीपक आप बनूँ मैं, सृष्टि की पदचाप सुनूँ मैं।’ 
अनिल शर्मा ने गाया- ‘बसी हो तुम मेरे दिल में ऐसे,
     कि जैसे रहता लहू जिगर में।’ 
अंशू छौंकर ‘अवनि’ ने गाया-‘दुश्मन का मुण्ड उतारन को, खुद दुर्गा बन सकती हूँ।’
महेश शर्मा ने कहा- ”विचित्रवीर हनुमान मन्दिर में काव्य-गोष्ठी करना अद्भुत है। साहित्य सृजन सदा से होता रहा है, भविष्य में भी होता रहेगा।“ 
प्रदेश अध्यक्ष (महिला प्रकोष्ठ) डाॅ0 मधु भारद्वाज ने कहा- ”आज हिन्दी कविताओं और हिन्दी गीतों का जोर है। हिन्दी को जनता का बहुत प्यार मिल रहा है।“
भजन संध्या में एक से बढ़कर एक भजन गाए गए। 
कार्यक्रम में नीलम शर्मा, दिव्या शर्मा, वंदना तिवारी, सुनीता झा, अंजू शर्मा, अनुपम चतुर्वेदी, प्रभा शर्मा, पूजा मिश्रा, अनीता गौतम, ऋचा तिवारी, अंजना, सुमन बेबी, प्रेम चंद्र शास्त्री, अंशु शर्मा आदि की उपस्थिति रही। 
अनिल शर्मा एवं राजेश शुक्ला द्वारा कवियों का सम्मान किया गया एवं उन्हें स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।  
मंदिर के पुजारी द्वारा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 मधु भारद्वाज का सम्मान किया गया। 
अनिल शर्मा का सम्मान पुजारी राजेश शुक्ला द्वारा किया गया। 
कार्यक्रम के आयोजन में अनिल शर्मा एवं कांति शर्मा का विशेष सहयोग रहा।
कार्यक्रम का संचालन पदम गौतम ने किया।  
धन्यवाद ज्ञापन डाॅ0 मधु भारद्वाज ने किया।

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