Home Gallery Join Us E-Paper About Contact Us
image
फोटो

यम द्वितीया पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, यमुना घाटों पर हुई पूजा-अर्चना

संवाददाता

भाई दूज के पावन अवसर पर आज उत्तर प्रदेश के मथुरा में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। कार्तिक शुक्ल द्वितीया को ‘यम द्वितीया’ भी कहा जाता है। इस अवसर पर मथुरा के प्रसिद्ध विश्राम घाट पर यमुना स्नान के लिए करीब 1.25 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। यमुना नदी में सुबह से ही लोगों की भारी भीड़ है। परिवार, बच्चे और बुजुर्ग सभी मिलकर यमुना में स्नान कर रहे हैं। इस मौके पर भाई-बहन एक-दूसरे का हाथ पकड़कर ‘यम फांस’ की प्रथा निभाते हैं, जिसमें वे अकाल मृत्यु से बचने की प्रार्थना के साथ पवित्र स्नान करते हैं।

पवित्र यमुना नदी में स्नान के बाद बहनों ने भाइयों को आसन पर बिठाकर उनका तिलक किया। इसके बाद, सभी ने विश्राम घाट की सीढ़ियों पर स्थित यमराज-यमुना मंदिर में जाकर वैदिक विधि-विधान से दीप जलाकर पूजा-अर्चना की। विश्राम घाट पर ही यमुना किनारे यमराज का प्राचीन मंदिर स्थित है, जो मुख्य स्नान और पूजा-अर्चना का केंद्र रहा।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भाई दूज का त्योहार यमराज और उनकी बहन यमुना के अनन्य स्नेह से जुड़ा है। सूर्य देव और संज्ञा की संतान यमराज, अपनी बहन यमुना के बार-बार आग्रह करने पर, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन उनसे मिलने और उनके घर भोजन करने आए थे। अपनी बहन यमुना के आतिथ्य से यमराज अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्होंने यमुना को वर मांगने को कहा, तब यमुना ने वर मांगा कि एक तो वे हर साल इसी तिथि पर उनके घर आएं और दूसरा जो भी भाई इस दिन अपनी बहन के घर जाकर भोजन ग्रहण करे और तिलक करवाए, उसे लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सौभाग्य की प्राप्ति हो।

मथुरा में इस पर्व की एक विशेष परंपरा है। यहां भाई-बहन एक साथ मिलकर यमुना नदी में स्नान करते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से भाई-बहन को सौभाग्य, सुख-समृद्धि और आपसी स्नेह की प्राप्ति होती है। पूजा के दौरान बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं। पूरे उत्तर प्रदेश में यह त्योहार उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। मान्यता है कि जो भाई इस दिन बहन के घर जाकर भोजन करता है और तिलक करवाता है, उसकी अकाल मृत्यु नहीं होती है।

Post Views: 11

यह भी पढ़ें

Breaking News!!