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मंचासीन पदाधिकारी एवं सदस्य

विद्यालय में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने का किया जायेगा प्रयास , जिससे बच्चों का हो सर्वांगीकरण विकास- सभापति मानिक चंद वीर संस्थान 

कम फीस, गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा एवं नए भवनों के निर्माण कराने का किया जायेगा प्रयास

आगरा- समाज के गौरव एवं जाटव शब्द के जन्मदाता व क्रांतिकारी समाज सुधारक डॉ मानिक चंद्र जाटव वीर जी का जन्म सन् 11 नवंबर 1897 ईo में श्री बाबा साहेब भोलेनाथ जाटव वीर के घर हुआ था।  इन्होंने जातिवाद और सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अथक संघर्ष किए। समाज में शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया तथा सन 1937 में आगरा में एमसीवीर इंस्टिट्यूट की स्थापना की जिससे समाज शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति कर सके। सन 1943 में दादा साहेब को राय बहादुर की उपाधि प्रदान की गई। सन 1937 से लगातार विद्यालय संचालित हो रहा है। पूर्व में शिक्षा के क्षेत्र में विद्यालय ने कीर्तिमान स्थापित किया है। जिन छात्रों ने उस समय विधालय से शिक्षा ग्रहण की है वो अब राज्य एवं केन्द्र की सरकारों में अपना योगदान दे रहे और कुछ देकर रिटायर्ड हो चुके हैं।

आज विद्यालय प्रांगण में मानिक चंद वीर संस्थान की साधारण सभा,कार्यकारिणी समिति एवं विद्यालय प्रबंधक समिति के द्वारा नव निर्वाचित पदाधिकारी एवं सदस्यों का शपथ ग्रहण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ । जो निम्न प्रकार से है :-  

साधारण सभा 
सभापति - डा. रामबाबू हरित
उप सभापति - सोबरन लाल
महामंत्री - उम्मेद प्रसाद 
मानिक चन्द वीर संस्थान कार्यकारिणी समिति से
अध्यक्ष-सीताराम,उपाध्यक्ष-प्रकाश चन्द,सचिव-सुरेश बाबू सेहरा,संयुक्त सचिव-अजेन्द्र सिंह सूर्या,कोषाध्यक्ष- श्याम सिंह,ऑडिटर-राजपाल सिंह,विधि सलाहकार- राधेश्याम सुमन,सदस्यगण - धर्म सिंह चौधरी,राम प्रसाद,श्याम बाबू भास्कर,हम्बीर सिंह,अर्जुन सिंह,नवनीत प्रभात सिंह,अखण्ड प्रताप सिंह,राजाराम,पूरन सिंह,रमेश चन्द, जयकरण सिंह,धारा सिंह,प्रताप सिंह
मानिक चन्द वीर विद्यालय प्रबन्धन समिति से
अध्यक्ष-राजपाल सिंह निमेष,उपाध्यक्ष-राजकुमार,उपाध्यक्ष-बाबूलाल,प्रबन्धक-श्रीचन्द,उप प्रबन्धक-थान सिंह,कोषाध्यक्ष-राकेश भास्कर,सदस्यगण- श्याम बिहारी,लक्ष्मी नारायण बौद्ध,विजेन्द्र कुमार सागर,अमीर सिंह,विकास सिंह,मनीष कुमार मौर्या को निर्विरोध चुना गया।

संस्थान के सभापति डा.रामबाबू हरित ने बताया कि विद्यालय 1 से 12 तक के लिए संचालित हो रहा है और विद्यालय को कला एवं विज्ञान वर्ग की मान्यता भी मिल चुकी है। हमारा प्रयास रहेगा कि बच्चों का शिक्षा ,संस्कार आदि का सर्वांकीकरण विकास हो। वही उप सभापति सोवरन  सिंह ने बताया कि विद्यालय काफी पुराना है मैने भी यहीं से शिक्षा प्राप्त की जब में पढ़ रहा था तब विद्यालय के छात्रावास में 200 से अधिक बच्चे रहते थे उन्हीं में  एक मैं  हूँ और मैं सरकारी सेवा से रिटायर्ड हुआ हूँ। बहुत से छात्र जो राज्य और केंद्र में अपनी सेवाएं दे रहें। 
अध्यक्ष सीता राम ने कहा कि सभी की सहमति से विद्यालय में 3 कमरे और बरामदा एवं झीने का निर्माण कराया है और भविष्य में भवनों का निर्माण होगा। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में समाज के अधिकतर शिक्षाविधि, व्यापारी,रिटायर्ड ऑफिसर एवं विद्यालय के शिक्षक, स्टॉफ आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे। 

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