दूसरों का कूड़ा उठाने वाले खुद जी रहें हैं नारकीय जीवन
विशेष संवाददाता
आगरा - नगर निगम ने शहर का कूड़ा कलेक्शन का ठेका स्वच्छता कारपोरेशन कम्पनी को दे रखा है जो अपनी गाड़ियों के माध्यम से कूड़ा उठाने का कार्य करती है वहीं गाड़ी पर चलने वाले कर्मी दूसरों का तो कूड़ा उठाते हैं लेकिन खुद बद से बदत्तर जिंदगी जी रहे हैं।
आवास विकास कालोनी के सेक्टर 7 के खुले मैदान में बनी झुग्गियों में रहते हैं। कूड़े उठाने वाले जो सुबह होते ही गाडी लेकर चल देते हैं दूसरों का कूड़ा उठाने। जहां पर झुग्गी बनी है वहां की हालात इतनी खराब है कि कभी भी कोई बीमारी फेल सकती है। जब झुग्गियों की बस्तियों में जाकर देखा तो पता चला कि इन लोगों ने प्लास्टिक की पन्नी डालकर झुग्गी बनाई गई। जो गर्मियों में और तपती ही होगी उससे बुरा ज्यादा बुरा हाल तो बरसात में है जहां चारों ओर गंदगी का आलम है कभी भी कोई भी कीड़ा निकल सकता है। जो जान का खतरा बन सकता है। इनके लिए ना तो रहने की उचित व्यवस्था है।
1 ना स्नान करने की सुविधा
2 ना स्वास्थ के परीक्षण होना
3 ना ही उनके बच्चों की शिक्षा
ये हैं स्वच्छता कारपोरेशन कम्पनी का हाल। शहर में तो सफाई कराती फिरती है और अपने ही लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रही है । बच्चों को पढ़ाने के लिए स्थान तो बनाया पर उसमें कूड़े के हथठेला रख दिए हैं । .बाथरूम ऐसा कि आप देखते ही दंग रह जायेंगे कि नारी शक्ति इस प्रकार करती है स्नान।
चार डंडों के सहारे एक फटी धोती लिपटी हुई है। 150 से अधिक बनी हुई झुग्गी के बच्चों के लिए कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है जो इनके स्वास्थ, शिक्षा और संस्कार मिल सकें। कभी कभी स्वास्थ चेकअप कैम्प लग जाता है।
क्या कहते हैं शहर के लोग
जब इस विषय पर स्थानीय लोगों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि काम तो सभी कंपनियां कराती हैं लेकिन कंपनियों उनके रहने का उचित व्यवस्था करती है जैसे कि
1. ईटों की झुग्गी होनी चाहिए ।
2.बच्चों को पढ़ने लिखने की उचित व्यवस्था होनी चाहिए।
3.बच्चों को खेलने की व्यवस्था होनी चाहिए।
4. हर हफ्ते स्वास्थ परिक्षण होना चाहिए।
अगर इनकों सुविधाएं नहीं मिलती हैं तो शहर का कूड़ा तो उठ जाएगा पर एक दिन किसी न किसी का सुहाग उजड़ जाएगा या फिर बेटा - बेटी दुनिया से चला जायेगा। ऐसा ना हो उसके लिए कम्पनी को उचित कदम उठाने चाहिए। कम्पनी अधिकारी से बात करने की कोशिश की लेकिन संपर्क नहीं हो सका।