आगरा कमिश्नरेट में बना यूपी का पहला एसओजी ऑफिस-कमिश्नर डॉ प्रीतिंदर सिंह ने किया ऑफिस का उद्घाटन
आगरा-उत्तरप्रदेश के आगरा में कमिश्नरेट लागू होने बाद पुलिस को हाईटेक बनाने व अपराधियों पर नकेल कसने के लिए आगरा के पुलिस कमिश्नर डॉ प्रीतिंदर सिंह ने जहा आगरा पुलिस के तेजतर्रार व युवा पुलिस कर्मियों की तैनाती के साथ आगरा में नए थानों को बनाया।
तो इसी कड़ी में रविवार को यूपी में पहली बार आगरा कमिश्नरेट में पुलिस लाइन स्थित एसओजी कार्यालय का शुभारंभ किया गया। पुलिस कमिश्नर डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने एसओजी में कार्यालय संचालित होने वाली एक्टिविटीज के बारे में जानकारी दी। तो वहीं सर्विलांस और साइबर टीम को भी ज्वाइंट रूप से जिम्मेदारी सौपी गई। उन्होंने कहा कि कमिश्नरेट में क्राइम कंट्रोल के लिए शुरू की प्राथमिकता में अपराधियों पर नकेल कसी जाएगी.
एसओजी कार्यालय में संचालित होने वाली एक्टिविटीज
कमिश्नर डॉ प्रीतिंदर सिंह ने एसओजी कार्यालय का शुभारंभ करते हुए बताया कि यह उत्तरप्रदेश का पहला एसओजी ऑफिस बनाया गया है,जहां एसटीएफ कार्यालय की तरह सभी प्रकार की सुविधाएं मौजूद हैं। ऑफिस में तैनात पुलिस कर्मियों के खाने के लिए मैस व रात में ठहरने की सुविधा उपलब्ध रहेगी व तकनीक से जुड़े सभी सामान की सुविधाओं को यहां उपलब्ध कराया गया है।
बड़े अपराधियों पर रहेगी पैनी नजर
डॉ प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि पुलिस लाइन में खोले गए एसओजी कार्यालय में पुलिस की सभी टीमें संयुक्त रूप से कार्य करेंगी। पेशेवर अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने के लिए सभी टीमेें मजबूती के साथ कार्य करेंगी।
एसओजी कार्यालय के शुभारंभ के मौके पर डीसीपी और एसीपी के अलावा क्राइम ब्रांच,एसओजी, सर्विलांस,साइबर सेल की टीमों जिम्मेदारी सौपी गई।
सभी टीमें आपस मे करेंगी को-आर्डिनेशन
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि एसओजी कार्यालय में साइबर सेल और सर्विलांस की टीम भी काम कर सकती है। उनके बैठने और रहने की भी अलग से व्यवस्था है। पुलिस की सभी अपराध शाखाएं ज्वाइंट रहकर कार्यालय का इस्तेमाल कर सकेंगी। सभी टीमों के बीच ये ऑफिस को-आर्डिनेशन का कार्य करेगा। सभी टीमें जानकारी दूसरी टीमों के साथ शेयर कर क्रिमिनल्स के साथ क्राइम कंट्रोल करने का कार्य करेंगी।
आगरा कमिश्नरेट में सबसे ज्यादा 25 हजार अभियुक्त
ऑपरेशन पहचान एप में जोन के करीब 1.30 लाख अभियुक्तों का डाटा फीड किया जा चुका है। इनमें आगरा के ही 25 हजार अभियुक्त हैं। इसके बाद दूसरे स्थान पर अलीगढ़ और तीसरे पर मथुरा है।
हॉट स्पॉट और क्रिमिनल स्पॉट की जानकारी
एप की मदद से यह भी पता चल रहा है कि किस इलाके में कितने अपराधी निवास कर रहे हैं जिससे पुलिस को और अलर्ट किया जा सके। वहीं अपराध वाले स्थान कौन से हैं? किस तरह का अपराध हो रहा है, इसकी भी जानकारी मिल रही है।
ऑपरेशन पहचान बनेगा मददगार
क्राइम में पुरानों के साथ ही नए लोग भी आ रहे हैं। ऐसे में ऑपरेशन पहचान एप मददगार साबित होगा। बीट सिपाहियों की गतिविधियां भी बढ़ी हैं। अब तक 1.30 लाख अपराधियों का डाटा फीड किया जा चुका है। इनका सत्यापन भी पूरा हो चुका है।
पुलिस लाइन में बने एसओजी कार्यालय में सभी पुलिस की टीमेें संयुक्त रूप से कार्य करेंगी। एसटीएफ कार्यालय की तरह यहां सभी प्रकार की सुविधाएं व खाने के लिए मैस व रात में ठहरने की सुविधाओ के साथ तकनीक से जुड़ी सभी सुविधाओं को यहां उपलब्ध कराया गया है।
खबर -राजेश तोमर